Tuesday, August 22, 2017

तुम्ही कन्हैया बरसाते हो


अजर अमर अमृत की वर्षा, तुम्ही कन्हैया बरसते हो... 
खनक उठे दिलों में मोहन, तुम्ही बेस हो काल गति में... 
जहां तुम्हीं से प्रेम की भाषा शुरू हुई है ख़तम हुई है... 
मेरे हृदय में तुम्ही हो कान्हां  और कहीं  न तुम बसे हो... 
अजर अमर अमृत की वर्षा, तुम्ही कन्हैया बरसते हो...

मदन मोहन की एक ही राधा, एक ही मीरा श्याम तुम्ही हो..... 
दो युगो में जो प्रेम रहा है, द्वेष नहीं कंही हुई है... 
मेरे कण कण बसे जो,मोहन  धन धान्य से तृप्त हुआ हूँ... 
नमन है तुमको सत सत मोहन, प्रेम की मूरत गोपाल तुम ही हो.. 
अजर अमर अमृत की वर्षा, तुम्ही कन्हैया बरसते हो... 
















Monday, September 2, 2013

shayari....

अगर रखोगे पकड़ कर तुम हाथ वक्त का,
कहीं छुट ना जाये मौका मेहफिल-ए-जश्न का,
बदल जायेगी सारी कायनात आपकी नज़र मे,
जब बदल पायोगे सोच अपने जमीर का....
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ये मालिक ऐसी रहमत कर दे,
भुखे को छत रोटी दे दे...
कोई भी भुखा ना रह सके यहाँ...
ऐसी हमारी तकदीर कर दे...
ये मालिक ऐसी रहमत कर दे...
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nayi raah nayi manjil pa gaye hai..
hum unke or bhi karib aa gaye hai..
khola jab hamne apni band aankho ko..
khowbo se chal ke wo mere samne aa gye hai..
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chehre se na hatao iskadar apne baal sanam,
mere dil ko to jara sambhal jane do...
asar aisa hai tumhari in adaoo ka,
ki hosh me ab aana bhi muskil hai...
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हर शाम हर रात हर सुबह को देखा है,
हर मौसम हर मंज़र हर घटा को देखा है,
खोजता हुँ आज तक उस बारिस की बुंदो को,
जिसे आपकी बदन पे गिरते हुए देखा है.
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हर कली हर फुल आपकी परछाई है,
हर रंग में आपकी मुशकान छाई है,
कर ना दे मुझे ऐ दिवाना,
इसलिए आपकी हर बात को हसी मे उड़ाई है.

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 आखें नम है इसकी बेदर्द कहानी सुन कर,
उसने दिल पर चोट खाई है दिन को गिन गिन कर,
अब हो सके तो मुझे निकालो इस जगह से..
क्य़ोकि वह छोड़ेगा तो बस जिंदगी छिन कर......

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anjaan ban kar mujhe satati bahut ho..
khayaalo me aa kar mujhe chidhati bahut ho..
na jane kis janam ka badla le rhi ho tum...
hasa kar fir tum mujhe rulati bahut ho...
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Tuesday, August 13, 2013

चार पंक्तियाँ

कहने की सब बाते कह दी,
दूर दूर तुम रहते हो ,
सिखा के सारी प्यार के किस्से ,
फिर जुदा क्यों होते हो. 
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 प्यारी तुम्हारी बातें है,
प्यारी तुम्हारी नखरे,
एक बार तो कह भी दो.,
दोस्त है तुम्हारे अपने 
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छोटी छोटी बातों पे हम तकरार नही करते,
इन छोटी छोटी बातों को दिल पे नही लेते,
झगड़ने का मजा तो कुछ और है दोस्त,
दोस्ती की सुरुवात तो झगड़े से ही होती है.
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मेरी तक़दीर ने मुझे सब कुछ सिखा दिया,
एक फैसला हमें हस कर रुला दिया,
बात दिल की नही थी दिमाग की है,
जाते जाते वो हमें जीना सिखा गया 
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खुद ही अपना मजाक बना कर देखो,
खुद ही अपना हंसी उड़ा कर देखो,
ये दुनिया हसीं लगने लगेगी तब,
खुद को ही अपना दोस्त बना कर देखो.
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बर्दास्त करने का हद अब काफी हो गया
दिल में दर्द सहने का मैं अब आदि हो गया..
हालात दिल की बुरी हो तो संभल कर रह
वरना यंहा नमक डालने वाले बहुत आते है...

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संवाद की तह तक जाना, करुण पुकार समझ लेना,
रसहीन सी वाणी हो, तुम अर्थहीन हो समझ लेना,
दुखमय जीवन सुखमय जीवन, अंतर्मन की आशा है,
संचय करना कर्मों का, जीवन की एक परिभाषा है. 
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Sunday, July 28, 2013

Gajal..


जुड़ जाने दे तार दिल के दिल से -२ 
हमें भी अपना बना लेने दे…

खुद को मार कर कौन खुश रहता है -२ 
बस तेरी निगाहों से मर जाने दे…

मोका मिला तुझसे जब भी मिलने की-२ 
बस आखों से तेरा दीदार करने दे…। 

हम तो अकेले है अकेले ही रहेंगे-२ 
 बस अपनी तस्वीर दिल में बसा लेने दे…।

Thursday, December 13, 2012

एक पल


आदत बहुत पुरानी हो चुकी है,
और अंतिम यात्रा की बारी है,
हँसकर कर लू तो क्या है,
रोना भी एक बीमारी है,
जीने की ललक के आगे हम भी,
हमें वक्त की तालाश है,
मौत बन कर डराती ये जिंदगी
कभी कभी जिंदगी ही मौत बन जाती है,
हम फासलों की बात करते है,
और दूर होने से डरते है,
ये वो फासला है जो अकसर ,
फासलों में ही दिखाई देती है,
मजबूर कर देती है एक पल
मिलाने को बेताब हमें
हम रहे या न रहे
तुम्हारे जहन में मेरी याद है।

पर्यावरण

मैंने दो पेड़ो को बात करते देखा ,
आपस में बहस करते देखा,
कर रहे थे ये मोसम पर विचार,
और कह रहे थे लोगो को सुक्रिया मेरे यार,
जब जब मोसम का मिजाज बदलता है,
सारा गन्दगी हमें ही सहना पड़ता है,
आखिर कब तक यु ही हम सहते रहे,
इस जहां की सारी गन्दगी अपने अन्दर भरते रहे,
आप भी कुछ तो मेरी मदद कीजिये,
और मेरे छोटे छोटे बेटो को सिचिए
ताकि हम मरते दम तक आपकी रक्षा कर सके,
और आपकी और पर्यावरण की सुरक्षा कर सके।

मेरी बहन

एक दिन मुझे  लगा ऐसा,
जैसे मेरा कोई नहीं,
पर मेरे नसीब का खेल देखो,
अचानक मेरी बहन मेली,
दिल की सच्ची , दिल की नेक ,
अपने जीवन का लक्ष्य है एक,
जीवन में मैं न भूलूंगा,
उसको अपना मानूंगा,
लड़ना झगड़ना होता है,
रूठना मनाना होता है।
मेरे मन में ऐसा आता है,
जैसे पिछले जन्म का नाता है,
वादा करता हूँ तुझसे मैं
जीवन के हर मोड़ पर
रक्षा सदा करता रहूँगा,
जब भी मेरी जरुरत पड़े,
हर पथ पर मिलता रहूँगा।
बस इसी तरह खुश रहो तुम,
मेरे मन को अच्छा लगेगा।