Tuesday, August 23, 2011

अँधेरा

ये अँधेरा किस ओर ले जा रही है मुझको,
अपनी कठिनाइओं से जला रही है मुझको,
अपनी भावनाओ को कैसे मैं कैद करूँ
यही यादें अन्दर ही अन्दर खाए जा रही है मुझको,
ये अँधेरा किस ओर ले जा रही है मुझको

देख कर अनदेखा क्यूँ किया मुझको,
मांफी मांगी मैंने जो गलती हुई मुझसे,
दिल ने फिर भी एतबार किया है,
ना मानी है, वह मान जाएगी, ये विश्वाश किया है,
यही यादें अन्दर ही अन्दर खाए जा रही है मुझको,
ये अँधेरा किस ओर ले जा रही है मुझको

दर्द की दिशा अब बदल गयी है मनो,
कोई तूफ़ान आने वाला है बस यही जानो,
हो कर भी वह मेरा हो ना सका,
यही दिल में दर्द है सबसे बड़ा जानो,
यही यादें अन्दर ही अन्दर खाए जा रही है मुझको,
ये अँधेरा किस ओर ले जा रही है मुझको




Wednesday, August 10, 2011

दर्द का एहसास

तुम कितनी नादान हो, कितनी भोली हो,
मेरे साथ रहो, मेरे हमजोली हो,
मत सोच तुम अकेले हो,
मेरा कन्धा है तेरे आंसू है,
यही तो एक जिंदगी की सहेली है,
कैसे यकीन दिलाऊ तुम्हे,
दिल की बातें बताऊ तुम्हे,
न तुम न तुम्हारी बात है,
बस तुम्हारी याद है,
बस तुम्हारी याद है,
कितनी तकलीफ है इस जिंदगी में,
मुझे दर्द का एहसास है,
मुझे दर्द का एहसास है।

Thursday, August 4, 2011

अजीब कहानी

आज की दुनिया की अजीब कहानी है,
दिल में उमंग पर आँखों में पानी है,
साँसों की नमी कहती हरदम यही है,
बुझा दो उस आग को जो सिने में लगी है,
आज की दुनिया की अजीब कहानी है।

दिल ढूंढ़ता कुछ और है,
शांति चाहता तो मिलता केवल शोर है,
बुझा दो उस सोरे को जो सिने में लगी है,
आज की दुनिया की अजीब कहानी है।