Thursday, December 13, 2012

एक पल


आदत बहुत पुरानी हो चुकी है,
और अंतिम यात्रा की बारी है,
हँसकर कर लू तो क्या है,
रोना भी एक बीमारी है,
जीने की ललक के आगे हम भी,
हमें वक्त की तालाश है,
मौत बन कर डराती ये जिंदगी
कभी कभी जिंदगी ही मौत बन जाती है,
हम फासलों की बात करते है,
और दूर होने से डरते है,
ये वो फासला है जो अकसर ,
फासलों में ही दिखाई देती है,
मजबूर कर देती है एक पल
मिलाने को बेताब हमें
हम रहे या न रहे
तुम्हारे जहन में मेरी याद है।

पर्यावरण

मैंने दो पेड़ो को बात करते देखा ,
आपस में बहस करते देखा,
कर रहे थे ये मोसम पर विचार,
और कह रहे थे लोगो को सुक्रिया मेरे यार,
जब जब मोसम का मिजाज बदलता है,
सारा गन्दगी हमें ही सहना पड़ता है,
आखिर कब तक यु ही हम सहते रहे,
इस जहां की सारी गन्दगी अपने अन्दर भरते रहे,
आप भी कुछ तो मेरी मदद कीजिये,
और मेरे छोटे छोटे बेटो को सिचिए
ताकि हम मरते दम तक आपकी रक्षा कर सके,
और आपकी और पर्यावरण की सुरक्षा कर सके।

मेरी बहन

एक दिन मुझे  लगा ऐसा,
जैसे मेरा कोई नहीं,
पर मेरे नसीब का खेल देखो,
अचानक मेरी बहन मेली,
दिल की सच्ची , दिल की नेक ,
अपने जीवन का लक्ष्य है एक,
जीवन में मैं न भूलूंगा,
उसको अपना मानूंगा,
लड़ना झगड़ना होता है,
रूठना मनाना होता है।
मेरे मन में ऐसा आता है,
जैसे पिछले जन्म का नाता है,
वादा करता हूँ तुझसे मैं
जीवन के हर मोड़ पर
रक्षा सदा करता रहूँगा,
जब भी मेरी जरुरत पड़े,
हर पथ पर मिलता रहूँगा।
बस इसी तरह खुश रहो तुम,
मेरे मन को अच्छा लगेगा। 

Friday, February 17, 2012

"सब अच्छा है"

एक चुभन भी तेज दर्द का एहसास,
होता नही है मुझे भी आभास,
जख्म एक हो क्या है,
जख्म की जंजीरे है तो अच्छा है.

माना मैं मानता हूँ तुम्हे दिल से,
और ये बोलने का हक़ पा लिया है,
कुछ ज्यादा बोलना क्या है,
ज्यादा नही बोलना भी अच्छा है.

जाएगी कहाँ तू मुझे भूल कर,
दिल में एक छाप छोड़े जा रहा हूँ,
अगर दिल से किया तो क्या है,
अगर याद नही किया वो भी अच्छा है.

चलो हमने माना गलती हुई मुझसे,
तुम तो माफ़ कर दिया करती हो,
अगर दिल से  किया तो क्या है,
अगर माफ़  नही किया वो भी अच्छा है.   

Monday, February 6, 2012

नशे में डुब जाने को जी करता है.

नशे में डुब जाने को जी करता है,
उसे अपना बनाने को जी करता है,
गुलाब की तरह हंसती है वो,
बस उस गुलाब को पाने को जी करता है,
नशे में डुब जाने को जी करता है.

जब भी देखता हूँ हमें होश नही रहता
उसकी चाल की क्या तारीफ करूँ 
बस अपने दिल में बसाने को जी करता है.
उसे अपना बनाने को जी करता है.

हाय ये बिंदिया, ये झुमका ये पायल की झंकार,
हमें मार डाले जीते जी मेरे यार,
बस उसकी आंखो में डुब जाने को जी करता है,
उसे अपना बनाने को जी करता है.

ये मेरे ख्वाब बस इतना ही दिखा,
दिल को बस इतना ही बहला,
इस सपनो में खो जाने को जी करता है
उसे अपना बनाने को जी करता है,
नशे में डूब जाने को जी करता है.

 

Wednesday, January 11, 2012

हम बदल जाते है


साहिलों को नजदीकियों की फिकर,
होसलो को ताकत की फिकर,
न जाने कौन से रास्ते पर,
हम बदल जाते है.

डर तब भी लगती थी.
दिल तब भी जलता था,
वक़्त के तकाजों की कसम,
हम बदल जाते है.

मस्त होना, होकर जीना,
ये हमारी दिल की आरजू है,
नए नए रास्तो पर अक्सर,
हम बदल जाते है.

चलते है हम अपनी धुन में,
या गलियों की पगडंडियों में,
ये रास्तो के फासलों में अक्सर,
हम बदल जाते है.

Tuesday, January 10, 2012

रोज की जंग

आज के दिन की ये मज़बूरी है,
जिन्दा रहना बेहद जरुरी है,
खुशियों की चादर इतनी तंग है,
फिर भी उसे पाने की जंग है.

मैंने मौसम की दस्तूर देखी है,
जुदाई होते मैंने दूर देखी है,
इसके जुबाँ पे अपना नाम आ जाये
बस यही कहानी सदियों से बुन रखी है.

Tuesday, January 3, 2012

हरा हुआ एक दिल

हम जो हैं तुम्हारे साथ तो 
हर मुस्किल आसन है,
बदलते वक़्त की एक हम 
सिर्फ एक हम निशान है
बुझती हुई कसक के आगे,
मजबूरियों की लकीरें हैं,
दिल की हवस के आगे,
वक़्त की जंजीरे है,
वक़्त कटते कटते यहाँ 
खुशियों के परे होना भी,
अक्सर वक़्त भी थम जाता है,
बस तुम्हारे साथ का ख्वाहिस लिए,
इस दिल ने इतने जतन किये हैं,
मिल जाना एक पुरस्कार है,
या फिर हारा हुआ एक दिल है.

सहारा

बुझती हुई लो के तले,
हम अपने आप को देखते है,
ये मंजर कहीं खो न जाये
अक्सर हम यही सोचते है,
बदल जाती है एक पल में जिंदगी सबकी
उस पल को भुलाने की कोशिश करते है,
उस चाँद के दीदार के लिए हम
वो तारा बनना चाहते है
बुझती दियो को हाथो का सहारा चाहिए,
वही हाथो का सहारा बनना चाहते है,
बीच मजधार में तुम छोड़ कर चले जाओ बेसक,
हम वो नाव की मजधार बनना चाहते है. 

इतनी तकलीफ न होती

मुझको यकिन है, तुम ही हो वो,
जिसे मैं हर कदम ढूंढ़ रहा हूँ,
अपने दिल की आवाज, अपने आप में सुन रहा हूँ,
केवल कहने से नहीं होता कोई अपना,
विश्वास भी बहुत बड़ी बात होती है,
अक्सर एक विश्वासघात ही दिल को,
सबसे बड़ी चोट देती है,
लेकिन जब दिल ही दिल की 
बात समझने से इनकार करता है,
तो दिल कितना उदास होता है,
तो दिल कितना मायूस होता है,
फिर भी इस दिल को समझने वाला,
कोई नही है इस जहां में,
कोई समझ लेता इस दिल को तो इतनी 
तकलीफ न होती, तकलीफ न होती.