Thursday, December 13, 2012

मेरी बहन

एक दिन मुझे  लगा ऐसा,
जैसे मेरा कोई नहीं,
पर मेरे नसीब का खेल देखो,
अचानक मेरी बहन मेली,
दिल की सच्ची , दिल की नेक ,
अपने जीवन का लक्ष्य है एक,
जीवन में मैं न भूलूंगा,
उसको अपना मानूंगा,
लड़ना झगड़ना होता है,
रूठना मनाना होता है।
मेरे मन में ऐसा आता है,
जैसे पिछले जन्म का नाता है,
वादा करता हूँ तुझसे मैं
जीवन के हर मोड़ पर
रक्षा सदा करता रहूँगा,
जब भी मेरी जरुरत पड़े,
हर पथ पर मिलता रहूँगा।
बस इसी तरह खुश रहो तुम,
मेरे मन को अच्छा लगेगा। 

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