Friday, February 17, 2012

"सब अच्छा है"

एक चुभन भी तेज दर्द का एहसास,
होता नही है मुझे भी आभास,
जख्म एक हो क्या है,
जख्म की जंजीरे है तो अच्छा है.

माना मैं मानता हूँ तुम्हे दिल से,
और ये बोलने का हक़ पा लिया है,
कुछ ज्यादा बोलना क्या है,
ज्यादा नही बोलना भी अच्छा है.

जाएगी कहाँ तू मुझे भूल कर,
दिल में एक छाप छोड़े जा रहा हूँ,
अगर दिल से किया तो क्या है,
अगर याद नही किया वो भी अच्छा है.

चलो हमने माना गलती हुई मुझसे,
तुम तो माफ़ कर दिया करती हो,
अगर दिल से  किया तो क्या है,
अगर माफ़  नही किया वो भी अच्छा है.   

Monday, February 6, 2012

नशे में डुब जाने को जी करता है.

नशे में डुब जाने को जी करता है,
उसे अपना बनाने को जी करता है,
गुलाब की तरह हंसती है वो,
बस उस गुलाब को पाने को जी करता है,
नशे में डुब जाने को जी करता है.

जब भी देखता हूँ हमें होश नही रहता
उसकी चाल की क्या तारीफ करूँ 
बस अपने दिल में बसाने को जी करता है.
उसे अपना बनाने को जी करता है.

हाय ये बिंदिया, ये झुमका ये पायल की झंकार,
हमें मार डाले जीते जी मेरे यार,
बस उसकी आंखो में डुब जाने को जी करता है,
उसे अपना बनाने को जी करता है.

ये मेरे ख्वाब बस इतना ही दिखा,
दिल को बस इतना ही बहला,
इस सपनो में खो जाने को जी करता है
उसे अपना बनाने को जी करता है,
नशे में डूब जाने को जी करता है.